बड़ी अच्छी है तनहाई...!

नादान था मैं, कुछ समझा नहीं,
उलझनों में ही जीता रहा ,कभी सुलझा नहीं...
आज मिली है तकलीफ़, तो बात समझ आयी,
जिंदगी है जालिम ,बड़ी अच्छी है तनहाई...

कभी देखी नही थी

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